-तराई केंद्रीय वन प्रभाग में वन तस्करों की धरपकड़ के लिए वृहद अभियान शुरू, पुलिस और वन विभाग की टीम मोर्चे पर, एनकाउंटर का वीडियो आया सामने
लकड़ी तस्करों का गढ़ बनते जा रहे ऊधम सिंह नगर के तराई केंद्रीय वन प्रभाग की पीपलपड़ाव रेंज की घटना में कई चौंकाने वाली जानकारी समाने आ रही हैं। पहली यह कि प्रभाग के वन क्षेत्रों में लकड़ी तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह गश्ती दल पर फायर करने से जरा भी नहीं कतराते हैं। क्योंकि, फायरिंग और उसकी जद में आने वाले वन कार्मिकों का यह पहला मामला नहीं है। दूसरा यह कि तस्करों के साथ हुई वन कार्मिकों की मुठभेड़ में साधन संपन्न पुलिस सिरे से गायब रही। यहां तक कि जब वन कार्मिकों ने पीपलपड़ाव रेंज में सागौन के पेड़ काटे जाने की सूचना गूलरभोज चौकी के प्रभारी को दी तो उनके कान में जूं तक नहीं रेंगी। नतीजा अपने जंक लगे हथियारों के भरोसे रेंजर समेत अन्य वन कर्मी खुद ही मोर्चे पर कूद गए। वन तस्करों के साथ हुए इस एनकाउंटर में रेंजर रूप नारायण गौतम, फॉरेस्टर हीरा सिंह, वन आरक्षी कमल सिंह और शुभम गोली के छर्रे लगने से घायल हो गए। इस मामले में नवनियुक्त एसएसपी ऊधमसिंह नगर मणिकांत मिश्रा ने चौकी प्रभारी गणेश दत्त भट्ट को निलंबित कर दिया है।
हालांकि, एसएसपी मिश्रा के सख्त रुख के बाद पुलिस की टीम आधुनिक हथियारों से लैस होकर वन कार्मिकों के साथ जंगल में घुसी और वन तस्करों की धरपकड़ शुरू की गई। इस दौरान फिर से एनकाउंटर की नौबत आ गई। लेकिन, पुलिस के साथ ही वन विभाग की मजबूत जवाबी कार्रवाई के बूते वन तस्कर जंगल में घनी वनस्पतियों की आड़ में फरार हो गए। पुलिस और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक यह अभियान तस्करों के पकड़े जाने या उन्हें एनकाउंटर में ढेर किए जाने तक जारी रहेगा। इस अभियान और एनकाउंटर का एक वीडियो भी सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस और वन विभाग की टीम तस्करों को ललकार रही है, लेकिन वह गीदड़ की भांति जंगल की ओट में छिपे रहे और फिर भाग खड़े हुए।
05 आरोपियों की पहचान, मुदकमा दर्ज कर ड्रोन से भी जंगल में खोजबीन
वहीं, दूसरी तरफ फायरिंग करने वाले तस्करों में हरिपुरा हरसान बाजपुर निवासी संगत सिंह उर्फ संगी, गुरमीत सिंह उर्फ गेजी, केलाखेड़ा निवासी सर्वजीत सिंह उर्फ छब्बा, थापक नगला निवासी संदीप और कुलदीप सिंह उर्फ किप्पी की पहचान की गई है। पांचों आरोपियों के विरुद्ध रेंजर गौतम की तहरीर पर गदरपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के अभी जंगल में ही छिपे होने का अंदेशा है, लिहाजा ड्रोन की मदद से भी उनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस के पास एके-47, वन कार्मिकों के पास जंक लगे हथियार
पीपलपड़ाव रेंज में वन कार्मिकों की तस्करों के साथ मुठभेड़ में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं। जबकि पुलिस के पास एके-47 जैसे आधुनिक हथियार भी हैं। दूसरी तरफ वन कार्मिकों के पास 20 साल से अधिक पुराने 312 और 315 बोर के जंक लगे हथियार हैं। जो मौके पर कई बार गच्चा भी दे जाते हैं। ऐसे में रेंजर संघ के प्रदेश महामंत्री नविन सिंह पंवार, संरक्षक महेंद्र रैकुनी, चंदन अधिकारी और प्रदीप पंत आदि ने बैठक करते हुए वन कार्मिकों को आधुनिक हथियार उपलब्ध कराने की मांग की। उधर, मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं धीरज पांडे ने बताया कि वन कार्मिकों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट, निगरानी के लिए ड्रोन और नए हथियार उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा गया है।
तराई के जंगल को दहलाने की पहले की कई कोशिश
तराई के वन क्षेत्रों में तस्करों की फायरिंग की यह घटना नई नहीं है। इससे पहले मई में टांडा और अगस्त में गदगदिया में तस्करों की ओर से फायरिंग की जा चुकी है। लकड़ी के एक लट्ठे के लिए भी तस्कर फायर झोंकने नहीं नहीं चूकते हैं। इससे पहले जून 2018 में बरहैनी रेंज में प्लांटेशन वाचर मो. जान को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। सितंबर 2018 में टांडा में गश्ती दल पर फायरिंग की गई और जून 2019 में बीट वाचर बहादुर सिंह की हत्या कर दी गई, उनका एक अन्य साथी गंभीर रूप से घायल हो गया था।
तराई केंद्रीय डीविजन में पेड़ों के अवैध कटान की स्थिति
वर्ष, घटनाएं, अवैध कटान (घनमीटर में)
2017-18, 18, 16. 81
2018-19, 37, 31. 57
2019-20, 48, 44. 92
2020-21, 37, 31.26
2021-22, 71, 73.38
2022-23, 79, 83.377
नोट: स्रोत-वन विभाग उत्तराखंड